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Tuesday, November 11, 2025

अमेरिका: चीन, मीडिया संस्थानों को निशाना बंद कर दे, पत्रकारिता देशद्रोह नहीं

विश्वअमेरिका: चीन, मीडिया संस्थानों को निशाना बंद कर दे, पत्रकारिता देशद्रोह नहीं

एंटनी ब्लिंकन ने चीन और हांगकांग के प्रशासन से आग्रह किया कि वे यहां के स्वतंत्र मीडिया संस्थानों को अपना निशाना बनाना बंद कर दे, पत्रकारिता देशद्रोह नहीं है.

वॉशिंगटन: अमेरिका ने चीन के अधिकारियों से यह कहते हुये मीडिया संगठन के गिरफ्तार कर्मचारियों को रिहा करने का दरख्वास्त किया है कि पत्रकारिता कोई देशद्रोह नहीं है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा, “हांगकांग सरकार ने 29 दिसंबर को स्टैंड न्यूज के कार्यालय में छापेमारी कर इसके सात वरिष्ठ कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया. स्टैंड न्यूज देश के उन चुनिंदा बचे हुये मीडिया संस्थानों में से है, जो स्वतंत्र रूप से अपना काम करते हैं. सरकार की इस कार्रवाई से संस्थान अपना संचालन बंद करने पर मजबूर है. पत्रकारिता देशद्रोह नहीं है.”

श्री ब्लिंकन ने चीनी और हांगकांग के प्रशासन से आग्रह किया कि वे यहां के स्वतंत्र मीडिया संस्थानों को अपना निशाना बनाने से रूकें.

विदेश मंत्री ने कहा, “स्वतंत्र मीडिया को चुप कराकर पीआरसी और स्थानीय अधिकारी हांगकांग की विश्वसनीयता और व्यवहार्यता को कमजोर कर रहे हैं. एक आत्मविश्वासी सरकार वही है, जिसे सच से डर नहीं लगता और यही सरकार स्वतंत्र प्रेस को गले लगाती है.”

स्पूतनिक के मुताबिक, बुधवार को लोकतंत्र समर्थित स्टैंड न्यूज के कार्यालय 100 से अधिक पुलिस अधिकारी पहुंचे और मौजूदा संपादक और कुछ अन्य सदस्यों के अलावा पत्रकारों को अपनी हिरासत में ले लिया.

इस गिरफ्तारी के बाद स्टैंड न्यूज ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “स्टैंड न्यूज ने काम करना बंद कर दिया है, वेबसाइट और अन्य सोशल मीडिया ने अपडेट करना बंद कर दिया है और इसे जल्द ही डिलीट भी कर दिया जायेगा. कार्यवाहक प्रधान संपादक लिन शाओतोंग ने अपना इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा, सभी कर्मचारी बर्खास्त कर दिये गये हैं.”

इससे पहले साल के जून महीने में एक अन्य सरकार विरोधी समाचार पत्र एप्पल डेली ने भी अपने कार्यालय में हुई इस तरह की छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद अपना संचालन बंद कर दिया.

दरअसल, हांगकांग में इस तरह की गतिविधि चीन द्वारा निर्देशित है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का पालन करने पर जोर देती है.

इस कानून के मुताबिक, इसके खिलाफ जाने वाले व्यक्ति पर चार तरह के अपराध- अलगाववाद, तोड़फोड़, आतंकवाद और विदेशों से मिलीभगत के आरोप लगाये जायेंगे.

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