अहमदाबाद एअर इंडिया हादसे के बाद सामने आई गंभीर चिंताएँ
हाल ही में दिल्ली का हवाई अड्डा तकनीकी समस्याओं से जूझ रहा है, जिससे उड़ान सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इस घटना के बाद, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने एक महत्वपूर्ण चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया। यह चेतावनी जुलाई में जारी की गई थी, जब अहमदाबाद एअर इंडिया के एक हादसे के बाद दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर मौजूदा तकनीकी सिस्टम की कमजोरियों पर ध्यान आकर्षित किया गया था।
इस संकट का सामना करते हुए, दिल्ली हवाई अड्डा लगभग 36 घंटे तक प्रभावित रहा, जिसमें सैकड़ों उड़ानें रद्द या विलंबित हुईं। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स के अनुसार, यह संकट पूरी तरह से स्विचिंग सिस्टम के क्रैश का परिणाम था, जिससे हवाई यातायात में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ।
चेतावनी और प्रतिक्रिया
जुलाई में भेजे गए पत्र में, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड ने गंभीरता से वर्णित किया था कि दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डों पर ऑटोमेशन सिस्टम की कार्यक्षमता में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। यह गिरावट न केवल हवाई यात्रा की सुरक्षा को प्रभावित करती है, बल्कि इसके कारण उड़ान संचालन की दक्षता भी बाधित होती है। गिल्ड ने यह भी उल्लेख किया कि सिस्टम में बार-बार लैग और स्लो होने की समस्या उत्पन्न हो रही है, जो कि अलार्मिंग है।
एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने सांसदों को भी पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की है, जिसमें उन्होंने कहा कि हवाई नेविगेशन सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि भारतीय सिस्टम में ‘AI-सक्षम कॉन्फ्लिक्ट डिटेक्शन और रियल-टाइम डेटा शेयरिंग’ जैसी सुविधाओं का अभाव है, जो सुरक्षा को और अधिक खतरे में डालता है।
घटनाक्रम का विस्तार
इस घटना से संबंधित जानकारी के अनुसार, एएआई को पहले ही चेतावनी मिल चुकी थी, लेकिन कार्रवाई में देरी हुई। यह संकट न केवल दिल्ली के हवाई अड्डे पर बल्कि पूरे देश के एयर ट्रैफिक पर प्रभाव डाल रहा है। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड के अध्यक्ष ने बयान दिया है कि यह तकनीकी खराबी पूरी तरह से टाली जा सकती थी यदि पहले की गई चेतावनियों पर ध्यान दिया जाता।
इस तकनीकी संकट के चलते, हजारों यात्री प्रभावित हुए हैं और उन्हें अपनी यात्रा योजनाओं में बदलाव करने पड़े हैं। एएआई हालांकि इस मामले में अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इस घटना के बाद सुरक्षा के मानकों को पुनः परखने की आवश्यकता है।
संकट और सुधार के उपाय
इस तकनीकी समस्या के समाधान के लिए, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड ने कुछ सुझाव दिए हैं। उनका कहना है कि मौजूदा सिस्टम को अपग्रेड करना आवश्यक है ताकि यह इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के अनुरूप हो। इसके अलावा, उन्होंने यह भी सिफारिश की कि सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, नए तकनीकी समाधानों को जल्दी अपनाया जाना चाहिए।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हवाई यात्रा में टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल बेहद जरूरी है। हाल के घटनाक्रमों से यह स्पष्ट हो गया है कि किसी भी प्रकार के तकनीकी बाधाओं के समाधान में देरी करना यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
आगे की राह
इस प्रकरण से यह स्पष्ट हो गया है कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है। यदि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो न केवल इस संकट को रोका जा सकता था, बल्कि यात्री अनुभव को भी बेहतर बनाया जा सकता था।
हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में एएआई और संबंधित एजेंसियों द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा और आवश्यक सुधारों को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। सभी की नजरें अब इस बात पर हैं कि क्या एएआई भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगा।

