संघर्ष विराम के संदर्भ में इस्राइल-हमास बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया
13 अक्टूबर 2025 को इस्राइल और हमास के बीच एक महत्वपूर्ण संघर्ष विराम लागू होते ही बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस समझौते के तहत 737 दिन की लंबी अवधि के बाद, हमास द्वारा बंधक बनाए गए 20 इस्राइली नागरिकों को रिहा किया जाएगा, जो 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान अगवा किए गए थे। इनमें दो इस्राइली सैनिक और चार विदेशी नागरिक शामिल हैं, जिनमें से तीन की मौत की पुष्टि हो चुकी है। रिहाई प्रक्रिया इस्राइल के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा और क्षेत्रीय शांति प्रयासों के तहत देखा जा रहा है।
इस समझौते में लगभग 2000 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई का भी प्रावधान है, जिनमें से अधिकांश को बिना किसी औपचारिक आरोप के हिरासत में लिया गया था। यह कदम दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने और मानवीय संकट को हल करने के प्रयासों का हिस्सा है। ट्रंप की यात्रा को शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है।
बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया
इस समझौते के तहत, बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण मानवीय पहलू के रूप में देखा गया है। रिहाई के बाद, बंधकों को सबसे पहले रेड क्रॉस के हवाले किया जाएगा, जहां उन्हें चिकित्सा जांच से गुजरना होगा। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनकी सरकार बंधकों की सुरक्षित रिहाई के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
ट्रंप की इस्राइल यात्रा का महत्व
राष्ट्रपति ट्रंप 13 अक्टूबर को इस्राइल पहुंचेंगे, जहां वे बंधकों के परिजनों से मिलेंगे और इस्राइल की संसद नेसेट को संबोधित करेंगे। उनके साथ उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी होंगे। ट्रंप की यात्रा क्षेत्रीय नेताओं के साथ शांति सम्मेलन में भाग लेने के लिए मिस्र जाने की योजना का हिस्सा है। यह यात्रा अमेरिका की स्थिरता और शांति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
ईरान की भूमिका
इस दौरान, ईरान ने मिस्र में होने वाले गाजा शिखर सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी सरकार पर हमलों और प्रतिबंधों का हवाला देते हुए इस सम्मेलन से दूरी बनाई। यह निर्णय शांति वार्ता में एक महत्वपूर्ण पक्ष के अनुपस्थित रहने की संभावना को दर्शाता है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।
मानवीय राहत सामग्री की आमद
सीजफायर के साथ ही गाजा के लिए राहत सामग्री की आमद की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इस्राइली अधिकारियों के अनुसार, लगभग 600 ट्रक रोजाना गाजा में भेजे जाने की उम्मीद है, जिससे वहां की मानवीय स्थिति में सुधार की संभावना है। गाजा में आवश्यक सामानों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यह कदम भी महत्वपूर्ण है।
अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षण की आवश्यकता
भूमिका निभाने वाले अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस समझौते की निगरानी करने की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पक्ष युद्धविराम का ईमानदारी से पालन करें और आगे के चरणों में स्थायी शांति के लिए बातचीत शुरू करें।
आगे का सफर
यह समझौता भले ही एक सकारात्मक कदम है, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। बंधकों की रिहाई और कैदियों की अदला-बदली के साथ-साथ राहत प्रयासों को सफल बनाने के लिए अविलंब ऊर्जा की आवश्यकता है। दोनों पक्षों के बीच भरोसे की कमी और अंतरराष्ट्रीय दबाव को ध्यान में रखते हुए, यह समझौता स्थायी शांति की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता इस्राइल के लिए एक नई उम्मीद की किरण है, जहां युद्ध के दो साल बाद, लोग अपने पारिवारिक जीवन की ओर लौट सकते हैं। आने वाले दिनों में बंधकों की रिहाई और शांति प्रक्रियाओं की प्रगति पर सभी की निगाहें लगी रहेंगी।