तेलुगु सिनेमा में कदम: दिव्या दत्ता का नया प्रोजेक्ट और अदाकारी की यात्रा
कौन? – बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री दिव्या दत्ता एक बार फिर चर्चा में हैं। उनका नाम उन प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में शामिल है, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। दिव्या ने ‘दिल्ली-6’, ‘वीर जारा’ और ‘भाग मिल्खा भाग’ जैसी फिल्मों में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं।
क्या? – दिव्या दत्ता अब तेलुगु फिल्म अदाकारी की दुनिया में कदम रखने जा रही हैं। वह फिल्म ‘माया सभा’ के साथ तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत करने जा रही हैं। इस फिल्म में उनका किरदार एक खास भूमिका निभाता है जो बिना शोर मचाए खेल को पलट सकता है।
कब? – यह खबर दिव्या के करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि वह साउथ इंडियन सिनेमा के साथ-साथ हिंदी सिनेमा में भी लंबे समय से सक्रिय हैं।
कहाँ? – दिव्या दत्ता ने अपनी नई यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि ‘माया सभा’ एक पॉलिटिकल ड्रामा है, जो एक पीरियड सेटअप में बनी एक फिक्शनल स्टोरी है।
क्यों? – दिव्या का मानना है कि इस तरह के प्रोजेक्ट में शामिल होना उन्हें एक नई चुनौती देगा और इसके माध्यम से वह अपनी अभिनय क्षमता को और निखार पाएंगी।
कैसे? – दिव्या ने कहा कि उन्होंने ‘माया सभा’ को चुनने का फैसला इसलिए किया क्योंकि यह एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आती है।
दिव्या का करियर और उनके दृष्टिकोण
दिव्या दत्ता का फिल्मी सफर 31 वर्षों से अधिक का है। उन्होंने सिर्फ हिंदी ही नहीं, बल्कि पंजाबी, उर्दू, तमिल, मलयालम और अंग्रेजी सिनेमा में भी अपने अभिनय कौशल का प्रदर्शन किया है। ‘माया सभा’ के साथ तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने का उनका यह निर्णय उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
दिव्या ने अपने नए अनुभव के हवाले से कहा, “मुझे लगा कि शुरुआत करने के लिए ऐसा प्रोजेक्ट होना चाहिए, जिसमें वजन हो। हर किरदार की अपनी अहमियत है और मेरा किरदार भी बहुत खास है।”
दक्षिण भारतीय सिनेमा और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बीच के फर्क पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “फर्क बहुत बड़ा नहीं है, क्योंकि कहानी हर जगह सबसे ज्यादा मायने रखती है। हां, साउथ में समय की बहुत कद्र की जाती है और स्क्रिप्ट पर काम बहुत अच्छा होता है। हिंदी इंडस्ट्री भी अब उसी दिशा में बढ़ रही है।”
अमृता प्रीतम की बायोपिक पर दिव्या का विचार
दिव्या ने अपनी बायोपिक के बारे में भी बात की और कहा, “अगर मुझे अमृता प्रीतम की बायोपिक करने का मौका मिले, तो यह मेरे लिए एक सम्मान की बात होगी।” उन्होंने कहा कि अमृता प्रीतम एक महान लेखिका थीं और उनके जीवन पर आधारित फिल्म में काम करना उनके लिए गर्व की बात होगी।
अमृता प्रीतम की साहित्यिक यात्रा और उनकी कृतियों ने उन्हें एक अद्वितीय पहचान दिलाई है। दिव्या का मानना है कि इस तरह की पात्र निभाने से उन्हें अपने अभिनय कौशल को और निखारने का मौका मिलेगा।
दिव्या की अन्य फिल्में और प्रोजेक्ट्स के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं हमेशा नए प्रयोग करने की कोशिश करती हूं और ‘माया सभा’ भी उसी दिशा में एक कदम है।”
आगे का सफर
दिव्या दत्ता के करियर की यात्रा और उनके अनुभव बताते हैं कि उन्होंने हमेशा अपने काम के प्रति ईमानदारी और समर्पण रखा है। अब तेलुगु सिनेमा में कदम रखते हुए वह एक नई चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
दिव्या दत्ता की यह नई पहल न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। उनकी यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि प्रतिभा और मेहनत का कोई मोल नहीं होता, और सही अवसर मिलने पर किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

