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Tuesday, November 11, 2025

सेबी ने निवेशकों की सुरक्षा के लिए नया यूपीआई भुगतान सिस्टम अनिवार्य किया

अर्थव्यवस्थासेबी ने निवेशकों की सुरक्षा के लिए नया यूपीआई भुगतान सिस्टम अनिवार्य किया

निवेश क्षेत्र में धोखाधड़ी को रोकने के लिए सेबी की महत्वपूर्ण पहल

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक नई यूपीआई भुगतान प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय बुधवार को सेबी के प्रमुख तुहिन कांत पांडे द्वारा मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लिया गया। नए नियम का प्रभाव 1 अक्तूबर, 2025 से लागू होगा। इस नई प्रणाली का उद्देश्य पंजीकृत बिचौलियों द्वारा निवेशकों से धन एकत्र करने में होने वाली धोखाधड़ी को रोकना है, जो हाल के वर्षों में बढ़ गई है।

सेबी ने क्यों लिया ये फैसला?

हालिया वर्षों में, अपंजीकृत संस्थाओं द्वारा निवेशकों को गुमराह करने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। यह देखकर सेबी ने यह फैसला लिया है कि निवेशकों का विश्वास कमजोर हो गया है, और धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हो रही है। पांडे ने कहा, “फर्जी पहचान के मुद्दे को सुलझाने और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए, यह नई यूपीआई संरचना अनिवार्य की गई है।” उन्होंने आगे कहा कि नया तंत्र एक सुरक्षित और सत्यापित भुगतान चैनल प्रदान करेगा, जो वित्तीय लेनदेन में सुरक्षा और पहुंच में सुधार करेगा।

निवेशकों को कैसे मिलेगी सुरक्षा?

सेबी का मानना है कि यह नई यूपीआई प्रणाली निवेशकों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगी, जहां उन्हें अपनी वित्तीय जानकारी साझा करने में कोई डर नहीं होगा। इस नई प्रणाली के तहत, सभी पंजीकृत बिचौलिए एक सत्यापित यूपीआई आईडी प्रदान करेंगे, जिससे निवेशकों को उनके लेनदेन की स्पष्टता मिलेगी। इसके साथ ही, सेबी “सेबी चेक” नामक एक नई कार्यक्षमता भी विकसित कर रहा है, जो निवेशकों को क्यूआर कोड स्कैन करने या मैन्युअल रूप से यूपीआई आईडी दर्ज करके पंजीकृत बिचौलिए की प्रामाणिकता की पुष्टि करने की सुविधा देगा।

नई प्रणाली का कार्यान्वयन कब होगा?

सेबी द्वारा घोषित नई यूपीआई प्रणाली का कार्यान्वयन 1 अक्तूबर, 2025 से शुरू होगा। इससे पहले, जनवरी में सेबी ने एक परामर्श पत्र जारी किया था, जिसमें इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई थी। यह उम्मीद की जा रही है कि इस प्रणाली के लागू होने से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी और निवेशकों का विश्वास पुनः स्थापित होगा।

बिचौलियों के लिए नई नियमावलियाँ

पंजीकृत बिचौलियों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे सभी लेनदेन के लिए यूपीआई भुगतान विधि का उपयोग करें। इससे न केवल लेनदेन की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि निवेशकों को भी यह सुनिश्चित होगा कि उनका पैसा सुरक्षित हाथों में है। सेबी के इस कदम से भारतीय प्रतिभूति बाजार में एक नया मानक स्थापित होगा, जो बिचौलियों की जिम्मेदारी को भी बढ़ाएगा।

निवेशकों के लिए लाभ

यह नई यूपीआई प्रणाली निवेशकों के लिए कई फायदे लेकर आएगी। सबसे पहले, निवेशकों को अपनी वित्तीय जानकारी की सुरक्षा का आश्वासन मिलेगा। इसके अलावा, यह प्रणाली उन्हें बिना किसी कठिनाई के अपने ट्रांजेक्शन की प्रामाणिकता की पुष्टि करने का अवसर देगी। इससे न केवल धन की सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि बाजार में निवेश का माहौल भी सकारात्मक होगा।

निष्कर्ष में विचार

सेबी द्वारा उठाए गए इस कदम से भारतीय प्रतिभूति बाजार की स्थिरता और निवेशकों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार होने की संभावना है। सेबी का यह निर्णय न केवल बिचौलियों के लिए बल्कि निवेशकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान करता है। आवश्‍यकता है कि सभी निवेशक इस नई प्रणाली को अपनाने के लिए तैयार रहें और सेबी द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।

यदि आप इस विषय में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस लिंक पर जाएं[SEBI की आधिकारिक वेबसाइट](https://www.sebi.gov.in)। साथ ही, धोखाधड़ी से संबंधित अन्य जानकारी के लिए,[यहां क्लिक करें](https://www.cnbc.com)।

इस प्रकार, सेबी ने जो कदम उठाया है, वह निश्चय ही प्रतिभूति बाजार में निवेशकों की सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समय के साथ, यह प्रणाली निवेशकों को एक मजबूत और सुरक्षित निवेश वातावरण प्रदान करेगी।

 

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