13.1 C
Delhi
Wednesday, November 12, 2025

विपक्षी नेताओं को लामबंद करने की मुहिम, नीतीश कुमार बोले बिहार नहीं, देश का मॉडल बनाने पर कर रहे हैं काम

राजनीतिविपक्षी नेताओं को लामबंद करने की मुहिम, नीतीश कुमार बोले बिहार नहीं, देश का मॉडल बनाने पर कर रहे हैं काम

देश भर के विपक्षी नेताओं को लामबंद करने की मुहिम में लगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह विपक्षी दलों के साथ मिलकर देश में शासन का मॉडल बनाने पर काम कर रहे हैं.

देश भर के विपक्षी नेताओं को लामबंद करने की मुहिम में लगे बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने कहा है कि वह विपक्षी दलों के साथ मिलकर देश में शासन का मॉडल बनाने पर काम कर रहे हैं.

विपक्षी नेताओं को विश्वास में लेने के अभियान पर सोमवार को यहां पहुंचे श्री कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मंगलवार को यहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की.

मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब हुए श्री कुमार ने एक बार फिर कहा कि वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं और न ही इसकी इच्छा रखते हैं.

श्री राजा ने जद यू द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ छोड़े जाने का स्वागत करते हुए कहा कि बिहार के मॉडल का प्रभाव समूचे देश पर पड़ता है और इसके दूरगामी राजनीतिक परिणाम होंगे.

उन्होंने कहा कि सभी दलों को एकजुट होना चाहिए जिससे कि भाजपा को परास्त किया जा सके.

उन्होंने कहा कि इस मुहिम में हम नीतीश जी के साथ हैं.

एक सवाल के जवाब में श्री कुमार ने कहा कि बिहार मॉडल क्या है हम देश में शासन का मॉडल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

श्री कुमार ने कहा कि यदि वाम दल, क्षेत्रीय दल और कांग्रेस एक साथ आ जाये तो यह बहुत बड़ी बात होगी.

श्री येचुरी ने कहा कि श्री कुमार का वामदल के पास आना देश में राजनीति के लिए सकारात्मक संकेत है. सभी विपक्षी दलों को मिलकर देश तथा संविधान को बचाना होगा.

श्री कुमार ने श्री गांधी से मुलाकात के बाद सोमवार को ही जनता दल एस के नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ भी की थी.

भारत की राष्ट्रीय राजनीति में ये बात किसी से छुपी नहीं है कि ममता बनर्जी और केसीआर साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं और इस पहल में दूसरी पार्टियों की भूमिका को बाक़ियों के मुकाबले कमतर आंकते हैं.

दोनों नेताओं के ऊपर दिए बयानों का अर्थ ये भी निकाला गया कि वो संयुक्त विपक्ष में कांग्रेस की भूमिका को ज़्यादा तवज्जो नहीं देते.

लेकिन 5 सितंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब दिल्ली पहुँचे तो सबसे पहले मिलने वाले नेताओं में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम शुमार था. दोनों की मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर खूब शेयर भी हो रही थीं.

इस वजह से ममता और केसीआर के पुराने बयान जिन्हें कांग्रेस से जोड़ कर देखा गया, राजनीति के जानकारों को खूब याद आ रहा है.

ममता दिल्ली आकर बिना कांग्रेस के नेताओं से मिले चली जाती हैं, केसीआर नीतीश से मिलने पटना जाते हैं, लेकिन राहुल से मिलने दिल्ली नहीं आते – ऐसे में सवाल उठता है कि नीतीश कुमार कांग्रेस को इतना भाव क्यों दे रहे हैं.

उधर योगेंद्र यादव ने कहा कि राजनैतिक दलों और जन आंदोलनों की ऊर्जा को जोड़ने की जरूरत है. हमने तय किया है कि अगले दो साल जन आंदोलनों की ऊर्जा और राजनैतिक दलों को साथ लाएंगे.

योगेंद्र यादव ने कहा कि 2024 का चुनाव देश के लिए एक निर्णायक चुनाव होगा. उस चुनाव के लिए ज़मीनी समीकरण बीजेपी के खिलाफ जा रहा है. जमीन पर लोगों के मन में तकलीफ है.

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि राजनैतिक दलों और जन आंदोलनों की ऊर्जा को जोड़ने की जरूरत है. हमने तय किया है कि अगले दो साल जन आंदोलनों की ऊर्जा और राजनैतिक दलों को साथ लाएंगे. संसद और सड़क को जोड़ेंगे. मैं स्वराज इंडिया में हूं औr तमाम पार्टियों से भी संपर्क में हूं.

उन्होंने कहा कि हम सरकार विरोधियों के साथ खड़े हैं, ये कहना ठीक नहीं है. आम आदमी पार्टी भी सरकार विरोधी है, लेकिन क्या वो जो गलत हो रहा है देश में, उसके खिलाफ खड़े हैं?

यादव ने कहा कि विपक्षियों का वो हिस्सा जो लोकतंत्र को बचाने के लिए तैयार है, धर्मनिरपेक्षता के साथ है हम उनके साथ हैं. जो पार्टी अपने राज्य में हो रहे दंगों के समय चुप रही, उस पार्टी के बारे में क्या कहा जाए. उन्होंने पूछा कि क्या वो इस वक्त देश को बचाने के लिए खड़ी है. भारत जोड़ो का मार्च भी इसका अहम हिस्सा है.

योगेंद्र यादव ने कहा कि नेताओं के मन में क्या नीयत है, मैं उसके मन में नहीं जा रहा, कौन व्यक्ति इतिहास के किस मोड़ पर क्या भूमिका अदा करता है, ये महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के बिहार में बदलने के बाद भी बिहार की स्थिति नहीं बदली है. देश के समीकरण पर असर पड़ा है. मुझे अच्छा लगा कि वो दिल्ली भी आ रहे हैं.

पीएम कैंडिडेट वाली बात ड्रॉइंग रूम के अंदर की चर्चा है. इसका फैसला दो साल बाद होगा. मेरे जैसे लोगों को इसमें रत्ती भर इंटरेस्ट नहीं है. मैं सबको महत्वपूर्ण मानता हूं.

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles