मन की बात का 126वां एपिसोड: स्वदेशी अपनाने की अपील और लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का 126वां एपिसोड रविवार को प्रसारित हुआ। इस एपिसोड में प्रधानमंत्री ने श्रोताओं को देश की संस्कृति, शहीद भगत सिंह और गायिका लता मंगेशकर की जयंती की याद दिलाई। साथ ही, उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की। कार्यक्रम में शामिल होने वाले दर्शकों से उन्होंने कहा, “मन की बात में आप सभी से जुड़ना, सीखना और देशवासियों की उपलब्धियों के बारे में जानना, मेरे लिए बहुत सुखद अनुभव है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह एपिसोड विशेष है क्योंकि इसमें शहीद भगत सिंह और लता मंगेशकर की जयंती का महत्व है। उन्होंने भगत सिंह को स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बताते हुए उनके साहस और निस्वार्थता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “भगत सिंह हर भारतीय, विशेषकर युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।” इसके साथ ही, उन्होंने लता मंगेशकर के संगीत और उनकी मानवीय संवेदनाओं को भी सराहा।
लता मंगेशकर को दी गई श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने लता मंगेशकर के योगदान को समर्पित करते हुए कहा, “उनका संगीत लोगों के दिलों को छू जाने वाला था। उनके गाए देशभक्ति के गीतों ने लोगों को हमेशा प्रेरित किया।” उन्होंने यह भी बताया कि कैसे लता मंगेशकर वीर सावरकर से प्रेरित थीं और उनके कई गीतों को सहेजा था। प्रधानमंत्री ने बताया कि वे लता दीदी से व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए थे और उनके साथ का रिश्ता हमेशा खास रहा है।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से नवरात्रि के समय में नारी शक्ति की चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारतीय बेटियां हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर रही हैं, चाहे वह व्यापार हो, खेल या विज्ञान। उन्होंने भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों का जिक्र करते हुए उनकी साहसिक उपलब्धियों की प्रशंसा की, जिन्होंने समुद्र में कठिन परिश्रम से यात्रा पूरी की।
छठ पर्व को UNESCO की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल करने की योजना
प्रधानमंत्री मोदी ने छठ पर्व के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि छठ पर्व सूर्य देव को समर्पित है और यह एक पवित्र त्योहार है, जो अब विश्व स्तर पर पहचान बना चुका है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार छठ पर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल करने का प्रयास कर रही है ताकि इसे वैश्विक पहचान मिल सके।
स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील
प्रधानमंत्री ने स्वदेशी अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को लोगों से खादी उत्पाद खरीदने की अपील की। उन्होंने कहा, “खादी भारत की पहचान है, और आजकल के युवाओं में इसके प्रति रुचि बढ़ती जा रही है।” उन्होंने इस दिशा में सभी से आग्रह किया कि वे अपने स्थानीय हैंडलूम और हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करें और इसे ‘वोकल फॉर लोकल’ के नारे के साथ साझा करें।
निष्कर्ष के रूप में, इस एपिसोड में भारतीय संस्कृति, नारी शक्ति, स्वदेशी उत्पादों और शहीदों की शहादत का एक महत्वपूर्ण संदेश दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम ने ना केवल देशवासियों को प्रेरित किया, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी उजागर किया। इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल देश में एकजुटता बढ़ती है, बल्कि युवा पीढ़ी को अपने मूल्यों और संस्कृति को समझने का अवसर भी मिलता है।
इस प्रकार के आयोजनों में भाग लेकर और स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर हम न केवल अपने देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बना सकते हैं, बल्कि अपनी संस्कृति को भी आगे बढ़ा सकते हैं। जैसे-जैसे दुनिया की नजरें भारतीय सांस्कृतिक धरोहर पर पड़ रही हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपने त्योहारों और परंपराओं को संजोए रखें और उन्हें आगे बढ़ाएं। हमें गर्व होना चाहिए कि हम एक ऐसे देश का हिस्सा हैं जहां विविधता ही हमारी ताकत है।