गूगल क्रोम के अधिग्रहण में परप्लेक्सिटी की रुचि: जानें क्या है योजना
दुनिया के सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउजर गूगल क्रोम की बिक्री का प्रस्ताव चर्चा में है। परप्लेक्सिटी एआई ने गूगल के क्रोम ब्राउजर को 34.5 अरब डॉलर में खरीदने की पेशकश की है। इससे जुड़ी खबरें इस समय सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी जगत में काफी वायरल हो रही हैं। परप्लेक्सिटी का मूल्यांकन हाल ही में लगभग 18 अरब डॉलर था, जिसका मतलब है कि यह प्रस्ताव उनकी कीमत से दोगुना से भी ज्यादा है।
इस सौदे के माध्यम से परप्लेक्सिटी को 300 करोड़ से अधिक यूजर्स तक पहुंचने का मौका मिलेगा। यह जानकारी परप्लेक्सिटी द्वारा सार्वजनिक की गई है, जिसमें कहा गया है कि कई निवेशक इस सौदे के वित्तपोषण के लिए पहले ही प्रतिबद्ध हो चुके हैं।
क्या गूगल क्रोम को बेचना चाहती है?
गूगल ने अभी तक क्रोम को बेचने का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन अमेरिकी न्याय विभाग की संस्तुति के अनुसार, यह संभव है कि गूगल को अपने सर्च व्यवसाय को तोड़ने का आदेश दिया जा सकता है। इस संदर्भ में, 2024 में एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश का निर्णय महत्वपूर्ण था, जिसमें गूगल पर अवैध एकाधिकार बनाने का आरोप लगा था।
इस महीने एक और फैसला आने की उम्मीद है, जो गूगल के लिए नई चुनौतियां लेकर आ सकता है। कंपनी ने संकेत दिया है कि वह किसी भी आदेश के खिलाफ अपील करेगी, लेकिन यदि ऐसा आदेश आया तो कंपनी को मजबूरन क्रोम की बिक्री पर विचार करना पड़ सकता है।
क्यों परप्लेक्सिटी क्रोम को खरीदना चाहती है?
परप्लेक्सिटी का मानना है कि गूगल क्रोम को खरीदकर वह अपनी पहुंच को काफी बढ़ा सकती है। वर्तमान में, परप्लेक्सिटी का अपना एआई ब्राउजर Comet लगभग 1.5 करोड़ मासिक सक्रिय यूज़र्स के साथ कार्यरत है। यदि परप्लेक्सिटी गूगल क्रोम का अधिग्रहण कर लेती है, तो यह उन्हें दुनिया के सबसे बड़े ब्राउजर के मालिक बनने का अवसर प्रदान करेगा।
इससे उन्हें यूजर व्यवहार, सर्च ट्रैफिक और विज्ञापन डेटा तक सीधी पहुंच मिलेगी, जो उन्हें एआई-संचालित वेब सर्च में एक नई दिशा देने में सहायक होगी।
क्रोम को और किन-किन कंपनियों में रुचि है?
गूगल क्रोम के संभावित अधिग्रहण में कई अन्य बड़ी कंपनियों ने भी रुचि दिखाई है, जैसे कि OpenAI, Yahoo, और न्यूयॉर्क स्थित प्राइवेट इक्विटी फर्म Apollo Global Management। इन कंपनियों का मानना है कि क्रोम एआई, सर्च और विज्ञापन के लिए एक शक्तिशाली वितरण प्लेटफॉर्म बन सकता है।
OpenAI ने क्रोम को एक ‘AI-फर्स्ट’ ब्राउज़िंग अनुभव के लॉन्चपैड के रूप में देखा है, जिसमें वे ChatGPT को ब्राउज़र के मूल ढांचे में एकीकृत करने की योजना बना रहे हैं।
क्या है क्रोम की बाजार स्थिति?
गूगल क्रोम का वर्तमान अनुमानित बाजार मूल्य 50 अरब डॉलर है, जो परप्लेक्सिटी द्वारा दिए गए प्रस्ताव से काफी अधिक है। यह बात भी स्पष्ट करती है कि यदि गूगल को मजबूरन क्रोम बेचना पड़ा, तो उसे एक उचित और लाभकारी मूल्य पर बेचना होगा।
इस प्रस्ताव के पीछे की रणनीति और कंपनी के भविष्य की योजनाएं कई तकनीकी विश्लेषकों के लिए एक दिलचस्प विषय बन गई हैं।
क्या होगा यदि सौदा सफल होता है?
यदि परप्लेक्सिटी का यह सौदा सफल होता है, तो यह **एआई उद्योग** में एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसके साथ ही, गूगल की एकाधिकार स्थिति में भी बदलाव आएगा, जो अन्य कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
आगे के घटनाक्रमों का सभी को बेसब्री से इंतज़ार है। क्या गूगल अपनी प्रमुख संपत्ति को बेचने के लिए सहमत होगा? या फिर वह इसका बचाव कर सकेगी?
अंतिम शब्द
इस प्रस्ताव ने तकनीकी दुनिया में हलचल मचा दी है और यह देखने के लिए दिलचस्प होगा कि यह परप्लेक्सिटी और गूगल के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा। इस दिशा में जो भी निर्णय होंगे, वे न केवल कंपनियों के लिए बल्कि पूरे तकनीकी उद्योग के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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