भुवनेश्वर में सरकारी अफसरों के छापे में करोड़ों की संपत्ति का खुलासा
ओडिशा में भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के तहत, भारतीय राज्य ओडिशा के भुवनेश्वर में विजिलेंस अधिकारियों ने एक सरकारी इंजीनियर के फ्लैट से लगभग दो करोड़ रुपये की नकद राशि और आभूषण बरामद किए हैं। यह कार्रवाई 30 मई 2025 को की गई, जब अधिकारियों ने इंजीनियर बैकुंठ नाथ सारंगी के आवास और कार्यालय पर छापे मारे। सारंगी पर आरोप है कि उन्होंने अपने वेतन से अधिक संपत्ति जुटाई है, और इसकी जांच के लिए विजिलेंस विभाग ने यह पहल की।
सरकारी इंजीनियर के फ्लैट में जब छापेमारी जारी थी, तब उन्होंने अधिकारियों को देखते ही 500 रुपये के नोटों के बंडल खिड़की से फेंकने शुरू कर दिए। हालांकि, अधिकारियों ने समय रहते इन बंडलों को बरामद कर लिया और संबंधित मामले की आगे की जांच शुरू कर दी।
छापेमारी कब और कहाँ हुई?
विजिलेंस विभाग ने भुवनेश्वर में कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। विशेष न्यायाधीश विजिलेंस द्वारा वारंट जारी करने के बाद, यह कार्रवाई की गई। छापेमारी के दौरान सारंगी के भुवनेश्वर स्थित फ्लैट से लगभग एक करोड़ रुपये की नकद राशि मिली, जबकि उनके अंगुल स्थित आवास से 1.1 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई। इसके अलावा, अधिकारियों ने उनके पैतृक घर और रिश्तेदारों के घरों पर भी छापे मारे।
क्यों यह मामला महत्वपूर्ण है?
यह मामला भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति को उजागर करता है जो सरकारी अधिकारियों के बीच बढ़ती जा रही है। सारंगी ने जो राशि अपने पास रखी थी, वह उनके प्रारंभिक वेतन से कहीं अधिक थी, और इस प्रकार यह सरकार और समाज के प्रति गंभीर सवाल उठाता है। जब जांच करने वाले अधिकारियों ने उनकी संपत्ति की जांच की, तो यह स्पष्ट हो गया कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके धन कमाया है।
कैसे हुई छापेमारी?
छापेमारी के दौरान, विजिलेंस अधिकारियों ने सारंगी के फ्लैट की तलाशी ली और वहां भारी मात्रा में नकद प्राप्त किया। अधिकारियों ने गवाहों की मौजूदगी में यह सुनिश्चित किया कि सभी बरामद राशि सही तरीके से रिकॉर्ड की गई। जब सारंगी ने देखा कि अधिकारी उसके पास आ रहे हैं, तो उसने फौरन खिड़की से नोटों के बंडल फेंकने की कोशिश की, जो उसकी चिंता को दर्शाता है।
सारंगी का कार्यालय भी जांच के दायरे में आया, जहां और भी संपत्तियों की जांच की गई। ओडिशा में ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई अब और अधिक सख्त हो रही है।
भविष्य में क्या होगा?
इस मामले की जांच अभी भी जारी है और अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि सभी आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे। सरकारी इंजीनियरों के बीच बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच की जाएगी। इसके तहत, सभी सरकारी कर्मचारियों को यह समझने की आवश्यकता है कि भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं है और उन्हें अपने काम में ईमानदारी से पेश आना चाहिए।
अधिकारी ने कहा, “हम इस मामले को गंभीरता से लेते हैं और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम सभी मामलों के अनुसार कार्रवाई करेंगे।”
सारंगी का बचाव
हालांकि, सारंगी ने अपने खिलाफ लगे आरोपों का खंडन किया है और उनका कहना है कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं। उन्होंने आवेदन किया है कि छापेमारी की प्रक्रिया उचित नहीं थी और इसे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है। फिर भी, उनके द्वारा फेंके गए नोटों के बंडल उनकी स्थिति को और कमजोर करते हैं।
भ्रष्टाचार की जड़ों की खोज
इस कार्रवाई के पीछे मुख्य उद्देश्य सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार को खत्म करना है। ओडिशा सरकार और उसके संबंधित विभाग इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और इस तरह की छापेमारी से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में और अधिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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