नाबालिग के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में पूर्व WFI अध्यक्ष बृजभूषण को मिली न्यायिक राहत
पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकृत कर लिया है। इस रिपोर्ट में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर नाबालिग से यौन उत्पीड़न के आरोप के खिलाफ दायर मामले को रद्द करने की मांग की गई थी। यह कार्रवाई तब की गई जब नाबालिग की ओर से आरोप वापस लेने का निर्णय लिया गया।
कौन, क्या, कहाँ, कब, क्यों, और कैसे?
1. कौन? – भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह।
2. क्या? – बृजभूषण पर नाबालिग को यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था, जिसे अब पटियाला हाउस कोर्ट ने प्राथमिकता देते हुए क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकृति दी है।
3. कहाँ? – यह मामला पटियाला हाउस कोर्ट, दिल्ली में सुनवाई किया गया।
4. कब? – कोर्ट ने यह निर्णय सोमवार, 16 अक्टूबर 2023 को दिया।
5. क्यों? – नाबालिग पहलवान ने न्यायाधीश को बताया कि वह दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और वह क्लोजर रिपोर्ट का विरोध नहीं करती।
6. कैसे? – दिल्ली पुलिस ने 15 जून, 2023 को इस मामले की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि जांच में ‘कोई पुष्ट सबूत’ नहीं मिले हैं।
कोर्ट के निर्णय का प्रभाव
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोमती मनोचा ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पॉक्सो मामले में दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को मंजूर कर लिया। न्यायाधीश ने कहा, ‘क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार की गई। एक अगस्त, 2023 को एक इन-चैंबर कार्यवाही के दौरान, नाबालिग पहलवान ने न्यायाधीश को बताया कि वह दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और क्लोजर रिपोर्ट का विरोध नहीं करती।’
दिल्ली पुलिस ने इस क्लोजर रिपोर्ट को पेश करते समय यह भी कहा कि नाबालिग के पिता ने दावा किया था कि उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ कथित अन्याय का बदला लेने के लिए यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज की थी। पुलिस ने यह भी कहा कि नाबालिग के मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, इसलिए पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामला हटाने के लिए सिफारिश की गई थी।
अन्य आरोपों की स्थिति
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि बृजभूषण शरण सिंह पर छह अन्य महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न और पीछा करने के आरोप अभी भी बरकरार हैं। पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध में न्यूनतम तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है, जो लागू धाराओं पर निर्भर करता है। पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सभी आरोपों से लगातार इनकार किया है और उनका कहना है कि यह सब राजनीतिक बदला है।
समाज में यह मामला कैसे प्रभावित करेगा?
इस मामले को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ और देशभर में खेल जगत में विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई खिलाड़ी और प्रशंसा शाली लोग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक मुद्दा मानते हैं। यदि इस तरह के मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो यह खेल जगत में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
बृजभूषण के मामले को लेकर अब कई लोग इसे खेलों में चयन प्रक्रिया और खिलाड़ियों की सुरक्षा से जोड़ते हैं।
सम्बंधित लेख
इस मामले की गहराई को समझने के लिए, आप पढ़ सकते हैं भारतीय कुश्ती में यौन उत्पीड़न के आरोप और खिलाड़ियों की सुरक्षा के महत्व।
इस तरह के मामलों में उचित जांच और पारदर्शिता की आवश्यकता है ताकि भविष्य में खेल जगत में किसी भी प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकें। यौन उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है।
अस्वीकृति
हमने यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है कि इस लेख और हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दी गई जानकारी सटीक, प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त हो। यदि आपके पास कोई सुझाव या शिकायत हो, तो कृपया हमसे info@hamslive.com पर संपर्क करें।

