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Tuesday, September 16, 2025

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में संकट, शहबाज़ शरीफ ने की मध्यस्थता की अपील

इंडियाभारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में संकट, शहबाज़ शरीफ ने की मध्यस्थता की अपील

शहबाज़ शरीफ की चिंता और भारत के साथ वार्ता की आवश्यकता

भारत द्वारा किया गया ऑपरेशन सिंदूर, जो कि हाल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ को चिंतित कर दिया है। आम तौर पर भारतीय पक्ष वार्ता में किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता है, लेकिन शहबाज़ शरीफ अब इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भारत को वार्ता प्रक्रिया के लिए किसी तीसरे देश को शामिल करना चाहिए। मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, “भारत हमेशा कहता रहा है कि कश्मीर मुद्दा पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मामला है, लेकिन मेरे हिसाब से किसी तीसरे देश में बातचीत करना अच्छा निर्णय हो सकता है।”

शहबाज़ शरीफ ने इस दौरान कहा कि पाकिस्तान भविष्य में भारत के साथ होने वाली वार्ता में कश्मीर, पानी, व्यापार और आतंकवाद के मुद्दों को प्राथमिकता देगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि जब भी आतंकवाद पर चर्चा होगी, वह दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों द्वारा की जाएगी।

अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता और झूठे आरोप

शहबाज़ शरीफ ने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारत के साथ संघर्ष के दौरान इज़राइल ने भारतीय पक्ष को व्यापक समर्थन दिया था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि युद्ध से केवल एक पक्ष की जीत और दूसरे की हार होती है, और उन्होंने स्थायी शांति की आवश्यकता को भी महत्व दिया। इस संदर्भ में, शहबाज़ ने कहा, “पाकिस्तान और भारत को शांति की स्थिति में लौटना होगा।”

हालांकि, शहबाज़ शरीफ ने भारत पर कई झूठे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भारत की खुफिया एजेंसियां प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की मदद कर रही हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किया। इन आरोपों ने भारत के साथ पहले से तनावपूर्ण रिश्तों को और बढ़ा दिया है।

पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति और नेतृत्व के फैसले

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय उनके बड़े भाई और तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज़ शरीफ से चर्चा के बाद लिया गया। हाल ही में भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर में असीम मुनीर के प्रदर्शन को लेकर कई सवाल उठे हैं।

शहबाज़ शरीफ ने यह स्पष्ट किया कि मुनीर के पास भारत के खिलाफ कई गलत जानकारी देने की क्षमता थी, जिसके कारण उन्हें यह पद प्रदान किया गया है। यह पदोन्नति पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर हो रही जटिलताओं का भी संकेत देती है।

आगे की राह और अपेक्षाएँ

इस पूरे घटनाक्रम में, शहबाज़ शरीफ की मध्यस्थता की अपील और भारत के साथ संबंधों में तनाव से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत की आवश्यकता और भी अधिक है। भारत की ओर से इस वार्ता में किसी तीसरे पक्ष को शामिल करने के प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

इसके साथ ही, दुनिया में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी है कि पक्षों के बीच संवाद हो। शहबाज़ शरीफ का यह प्रयास एक नई दिशा में संकेत कर सकता है, जिसमें केवल दोनों देशों के बीच स्थायी शांति की स्थापना संभव हो सके।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि वैश्विक समुदाय की भूमिका और समर्थन भी काफी महत्वपूर्ण होगा। शहबाज़ शरीफ का यह बयान इस बात का संकेत है कि वे संवाद के लिए तत्पर हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि यह संवाद एक सुरक्षित और सहयोगात्मक माहौल में हो।

भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी शांति केवल वार्ता और संवाद के माध्यम से ही संभव है। इस प्रकार, यह आवश्यक है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं को समझें और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं।

 

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