17.1 C
Delhi
Tuesday, November 11, 2025

विश्व बैंक ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान में कटौती, पाकिस्तान और बांग्लादेश पर उठाए सवाल

अर्थव्यवस्थाविश्व बैंक ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान में कटौती, पाकिस्तान और बांग्लादेश पर उठाए सवाल

नई दिल्ली में विश्व बैंक की रिपोर्ट का खुलासा: भारत की वृद्धि दर में कटौती

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला। विश्व बैंक ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटा दिया है। वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की वृद्धि दर अब 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई है, जबकि पहले का अनुमान 6.7 प्रतिशत था। इस निर्णय का आधार वैश्विक आर्थिक मंदी और नीतिगत अनिश्चितता है। रिपोर्ट में निजी निवेश में धीमी वृद्धि और सार्वजनिक पूंजीगत व्यय की कमी पर भी चिंता व्यक्त की गई है।

कौन, क्या, कब, कहां, क्यों और कैसे?

कौन: विश्व बैंक (World Bank) ने यह रिपोर्ट जारी की है, जो एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है जो विकासशील देशों में आर्थिक सहायता और सलाह प्रदान करता है।

क्या: विश्व बैंक ने भारत की वित्तीय विकास दर के अनुमान को 4 प्रतिशत घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। इस निर्णय में वैश्विक आर्थिक कमजोरी और नीतिगत अनिश्चितता का योगदान है।

कब: यह रिपोर्ट बुधवार को जारी की गई थी, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 के विकास दर के संयोगों का उल्लेख किया गया है।

कहां: यह जानकारी नई दिल्ली से प्रकाशित हुई है।

क्यों: विश्व बैंक ने इस कटौती का कारण बताया है कि मौद्रिक सहजता और विनियामक सरलीकरण के बावजूद वैश्विक आर्थिक परिस्थिति एवं नीतिगत अनिश्चितताओं के कारण विकास दर प्रभावित हो रही है।

कैसे: यह स्थिति तब सामने आई है जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी भारत के वृद्धि अनुमान को घटाया है, जो पहले 6.5 प्रतिशत था और अब 6.2 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

रिपोर्ट की महत्वपूर्ण बातें

विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वित्त वर्ष 2024-25 की वृद्धि दर निराशाजनक रही है। इसमें निजी निवेश में धीमी वृद्धि और सार्वजनिक पूंजीगत व्यय की कमी प्रमुख कारण रहे हैं। कर कटौती के कारण निजी उपभोग में वृद्धि की संभावना है, लेकिन व्यापार नीति में बदलाव और वैश्विक विकास में मंदी का असर निर्यात पर पड़ सकता है।

दक्षिण एशिया के लिए विकास संभावनाएं भी कमजोर हो गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश दक्षिण एशियाई देशों की विकास दर के अनुमान घटा दिए गए हैं। अगर इन देशों में घरेलू राजस्व बढ़ाने में तेजी लाई जाए, तो यह उनकी कमजोर राजकोषीय स्थिति को सुधारने और भविष्य के संकटों से निपटने में मदद कर सकता है।

पाकिस्तान और बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर सामग्री

रिपोर्ट में बांग्लादेश और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की गई है। बांग्लादेश में, राजनीतिक अनिश्चितता और लगातार वित्तीय चुनौतियों के कारण वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर 3.3 प्रतिशत रहने की संभावना है। साथ ही, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी प्राकृतिक आपदाओं और मुद्रास्फीति के प्रभाव से उबरने में समय ले रही है। इसके लिए 2024-25 में विकास दर 2.7 प्रतिशत और 2025-26 में 3.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

क्या है आगे का रास्ता?

विश्लेषकों का मानना है कि भारत को अपने घरेलू निवेश को बढ़ावा देने के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता होगी। सार्वजनिक निवेश योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन ही इस स्थिति में सुधार ला सकता है। यदि भारत को अपनी विकास दर को स्थिर रखने में सफलता हासिल करनी है, तो उसे वैश्विक आर्थिक परिस्थिति के बदलावों का उचित मूल्यांकन करना होगा।

अंत में विचार करने योग्य बातें

दक्षिण एशिया के देशों की विकास दर की अनिश्चितता वैश्विक आर्थिक स्थिति की नाजुकता को दर्शाती है। अब यह जरूरी है कि सरकारें ठोस नीतियों के माध्यम से अपने विकास को गति दें।

आप इसे भी देख सकते हैं:[IMF द्वारा भारत की विकास दर में कटौती](https://www.imf.org/external/index.htm)

अधिक गहन जानकारी के लिए, आप विश्व बैंक की रिपोर्ट को[यहां पढ़ सकते हैं](https://www.worldbank.org)।

 

अस्वीकृति
हमने यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है कि इस लेख और हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दी गई जानकारी सटीक, प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त हो। यदि आपके पास कोई सुझाव या शिकायत हो, तो कृपया हमसे info@hamslive.com पर संपर्क करें।

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles