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Tuesday, November 11, 2025

जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डिमॉन ने दी मंदी की चेतावनी, भारत जैसे देशों के साथ व्यापार पर दिया जोर

अर्थव्यवस्थाजेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डिमॉन ने दी मंदी की चेतावनी, भारत जैसे देशों के साथ व्यापार पर दिया जोर

जेपी मॉर्गन के प्रमुख ने व्यापारिक संबंधों पर दी सलाह

जेपी मॉर्गन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेमी डिमॉन ने हाल ही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएँ व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा है कि अमेरिका को भारत जैसे गुटनिरपेक्ष देशों के साथ घनिष्ठ व्यापारिक संबंध विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह टिप्पणी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हाल ही में लगाए गए टैरिफ उपायों के संदर्भ में की, जो महंगाई को बढ़ा सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक मंदी की स्थिति पैदा कर सकते हैं।

डिमॉन के अनुसार, बाजार का मूल्यांकन अब भी अपेक्षाकृत उच्च बना हुआ है और इस कारण हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने अपने सालाना पत्र में कहा, “हाल ही में लगाए गए टैरिफ से महंगाई बढ़ने की संभावना है और इससे कई लोग मंदी की आशंका जता रहे हैं।”

यह चेतावनी कब और क्यों दी गई?

यह चेतावनी तब दी गई है जब अमेरिका में आर्थिक परिस्थितियों में उथल-पुथल का सामना किया जा रहा है। डिमॉन ने बताया कि टैरिफ के कारण मुद्रास्फीति, अधिक राजकोषीय घाटा, और बाजार की अस्थिरता जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों के कारण अमेरिका के कुछ निकटतम सहयोगियों के साथ व्यापार समझौते नहीं हो पा रहे हैं।

डिमॉन का मानना है कि व्यापार के लिए उच्च मानकों पर आधारित दृष्टिकोण अपनाना और भारत जैसे देशों के साथ संबंध विकसित करना जरूरी है।

कैसे प्रभावित हो रही है अर्थव्यवस्था?

डिमॉन ने कहा, “टैरिफ ने कुछ महत्वपूर्ण अल्पकालिक प्रभाव छोड़े हैं। हमें महंगाई के परिणाम देखने को मिल सकते हैं, जिसका असर न केवल आयातित वस्तुओं पर बल्कि घरेलू कीमतों पर भी पड़ेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि इससे इनपुट लागत में वृद्धि होगी।

इस संदर्भ में, यह भी महत्वपूर्ण है कि जेमी डिमॉन ने स्पष्ट किया कि अमेरिका को अपने व्यापारिक संबंधों को भारतीय और ब्राजील जैसे गुटनिरपेक्ष देशों के प्रति दोस्ताना दृष्टिकोण से विकसित करना चाहिए।

ट्रंप की नीतियों का वैश्विक बाजार पर प्रभाव

डिमॉन की बातें ऐसे समय में आई हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर आयात शुल्क बढ़ाकर 26% और ब्राजील पर 10% की दर से टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह कदम वैश्विक बाजार में खलबली मचा सकता है। अरबपति निवेशक बिल एकमैन ने भी चेतावनी दी है कि इस तरह की नीतियों से व्यापारिक संबंधों में गड़बड़ी हो सकती है।

ट्रंप के संरक्षणवादी नीतियों के चलते अमेरिकी बाजार में भारी बिकवाली हुई है, जिससे निवेशकों को खरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है। हालाँकि, ट्रंप ने इसे एक ‘दवा’ बताया है, जो अर्थव्यवस्था को सही दिशा में ले जाने में मदद करेगी।

टैरिफ के क्या अन्य प्रभाव हो सकते हैं?

टैरिफ के कारण व्यापार युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, ट्रंप ने चीन के खिलाफ 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे व्यापार युद्ध के हालात बन गए हैं। इससे पहले, बीजिंग ने भी जवाबी शुल्क लगाने का ऐलान किया था। इसका अर्थ है कि अब चीनी वस्तुओं पर अमेरिका का कुल टैरिफ प्रभावी रूप से 84% होगा।

भविष्य की दिशा

डिमॉन के अनुसार, अमेरिका को व्यापारिक साझेदारों के साथ उच्च मानकों पर आधारित व्यापार करना होगा। उन्होंने कहा, “हमें भारत और ब्राजील जैसे गुटनिरपेक्ष देशों पर अपनी नीतियां थोपने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमें व्यापार और निवेश के जरिए मित्रता बढ़ानी चाहिए।”

अर्थव्यवस्था के इस संकट के समय में, यह जरूरी है कि हम सभी मिलकर एक मजबूत व्यापारिक ढांचे की दिशा में कार्य करें ताकि वैश्विक स्तर पर स्थिरता बनी रहे।

जैसी की ख़बर है, अमेरिकी दिग्गज कंपनियों के टैरिफ उपायों की आलोचना उस समय हुई है जब वैश्विक बाजार में भारी गिरावट का सामना मानकों की कमी की वजह से हो रहा है।

अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियाँ

डिमॉन ने इस बात पर भी जोर दिया कि वर्तमान में अर्थव्यवस्था महंगाई, राजकोषीय घाटा और बाजार की अस्थिरता जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। यह समय है जब सरकार और व्यापार जगत को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया[अर्थव्यवस्था और व्यापार संबंधी जानकारी](https://www.business-standard.com) और[टैरिफ नीति पर विस्तृत जानकारी](https://www.forbes.com) देखें।

 

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