परीक्षा पे चर्चा 2025: प्रधानमंत्री मोदी ने विद्यार्थियों को तनाव से निपटने के टिप्स दिए
दिल्ली में 10 फरवरी 2025 को आयोजित हुए ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से परीक्षा से जुड़े तनाव को कम करने के उपाय साझा किए। यह कार्यक्रम प्रगति मैदान में आयोजित किया गया, जहां प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों के साथ सीधी बातचीत की। इस बार का कार्यक्रम पिछले साल की तुलना में खास था, क्योंकि इसमें परीक्षा संबंधी तनाव को नियंत्रित करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
परीक्षा प्रणाली के संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा, “आज की पढ़ाई का उद्देश्य केवल अंक प्राप्त करना नहीं है, बल्कि जीवन में संतुलन बनाना भी है।” उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे परीक्षा के दौरान अपने डर को पहचानें और उसे एक चुनौती के रूप में लें। पीएम ने बताया कि विद्यार्थियों को चाहिए कि वे खुद को मोटिवेट करें और अपनी तैयारी के लिए ठोस गोल्स बनाएं।
इस कार्यक्रम में क्या-क्या हुआ?
परीक्षा पे चर्चा 2025 का यह आयोजन शिक्षा के क्षेत्र में नई सोच और दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने का एक मंच था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नौकरी और करियर में सफलता के लिए केवल अच्छे अंक ही महत्वपूर्ण नहीं होते, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी आवश्यक है।
मोदी जी ने कहा, “तनाव से कैसे निपटा जाए, यह समझना बहुत जरूरी है। हमें यह समझना चाहिए कि हम अकेले नहीं हैं। हमारे आसपास के लोग हमेशा हमें समर्थन देने के लिए मौजूद हैं।” छात्रों के सवालों के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि अगर किसी को पेपर छूटने का डर है तो उसे पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करने चाहिए। यह उन्हें आत्मविश्वास देगा और परीक्षा के प्रति उनकी धारणा बदलेगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में, पीएम मोदी ने विद्यार्थियों को टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल की सलाह दी। उन्होंने कहा कि तकनीकी नवाचारों का इस्तेमाल शिक्षा के लिए होना चाहिए, न कि समय बर्बाद करने वाली गतिविधियों के लिए। “किसी भी तकनीक का सही इस्तेमाल हमें नई संभावनाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा,” उन्होंने कहा।
शिक्षकों और अभिभावकों के लिए पीएम मोदी का संदेश
कार्यक्रम के दौरान, पीएम मोदी ने शिक्षकों और अभिभावकों से भी अपील की। उन्होंने कहा, “हर बच्चा विशेष है और उनकी क्षमताओं की तुलना आदर्श से मत कीजिए।” उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि बच्चे अपने तरीके से सीखें और अपने ज्ञान के अनुसार ही आगे बढ़ें।
साथ ही, उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों पर प्रेशर नहीं डालना चाहिए, ताकि बच्चे अपनी क्षमता के अनुसार स्वतंत्र रूप से विकास कर सकें।
परीक्षा के दौरान खुद को कैसे तैयार करें?
परीक्षा की तैयारी और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, मोदी जी ने कहा, “बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए और उन्हें चाहिए कि वे अपने खाने को अच्छी तरह से चबाकर खाएं।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि परीक्षा के समय पानी का पर्याप्त सेवन करना अनिवार्य है।
निर्धारित समय पर सोना और उठना, नियमित व्यायाम करना और तनावमुक्त रहने के लिए ध्यान लगाना भी आवश्यक है। पीएम मोदी ने कहा कि सही भोजन और नियमित दिनचर्या से बच्चे बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
इसके अलावा, पीएम ने छात्रों से कहा कि परीक्षा के डर को अपने दिमाग से निकाल दें। “जैसे क्रिकेट खिलाड़ी मैदान पर अपनी तैयारी पर ध्यान देते हैं, उस तरह आपको भी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए,” उन्होंने सुझाव दिया।
परीक्षा पे चर्चा का महत्व
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम छात्रों के लिए एक उत्कृष्ट प्लेटफॉर्म है, जहां वे अपने विचारों और चिंताओं को साझा कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से पीएम मोदी ने विद्यार्थियों को ना केवल तनाव प्रबंधन का महत्व समझाया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और दृढ़ता का भी पाठ पढ़ाया।
कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना और उन्हें यह समझाना था कि असफलता के बावजूद, सफलता की ओर बढ़ना संभव है। “गलतियों से सीखें और आगे बढ़ें,” मोदी ने कहा।
इस कार्यक्रम से जुड़े विस्तृत जानकारी के लिए आप[इस लिंक](https://www.amarujala.com/education) पर जा सकते हैं। इसके अलावा परीक्षा से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए[यहां क्लिक करें](https://www.mhrd.gov.in/)।
इस प्रकार, परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम ने यह सुनिश्चित किया कि सभी छात्र तनाव को दूर कर, आत्मविश्वास के साथ अपनी परीक्षाओं की तैयारी करें। पीएम मोदी का यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है।