30.1 C
Delhi
Tuesday, September 16, 2025

भारत में एचएमपीवी के मामलों में तेजी, असम में 10 माह का बच्चा हुआ संक्रमित

इंडियाभारत में एचएमपीवी के मामलों में तेजी, असम में 10 माह का बच्चा हुआ संक्रमित

गुवाहाटी: एचएमपीवी का नया मामला, असम का बच्चा अस्पताल में भर्ती

भारत में ह्यूमन मेटाप्न्युमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल ही में असम में एक 10 महीने का बच्चा एचएमपीवी की चपेट में आया है। इस बच्चे को डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एएमसीएच) में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, यह बच्चा सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों के कारण अस्पताल में आया था और अब उसकी जांच रिपोर्ट में एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई है।

एचएमपीवी क्या है और इसके लक्षण

एचएमपीवी एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो मुख्यत: बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों पर प्रभाव डालता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्तियों के खांसने और छींकने से फैलता है। इसके लक्षण में सर्दी, खांसी, बुखार, कफ और गंभीर मामलों में श्वसन नली में सूजन शामिल हो सकते हैं। कई देशों में एचएमपीवी के मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें नीदरलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।

कब और कैसे हुआ संक्रमण का पता?

डॉक्टर ध्रुबज्योति भुइंया के अनुसार, बच्चे को चार दिन पहले सर्दी-जुकाम के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल की जांच में एचएमपीवी की पुष्टि होने के बाद इसकी जानकारी क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) को दी गई। डॉ. ध्रुबज्योति ने कहा कि यह एक सामान्य वायरस है और चिंता की कोई बात नहीं है।

भारत में एचएमपीवी के अन्य मामले

असम में यह बच्चा एचएमपीवी से संक्रमित होने वाला पहला मामला नहीं है। लाहोवाल स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिस्वजीत बोर्काकोटी ने बताया कि 2014 से अब तक डिब्रूगढ़ जिले में 110 एचएमपीवी मामलों का पता लगाया गया है। इस वर्ष यह पहला मामला है, और इसका हर साल पता लगाया जाता है।

इस वायरस के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप[ICMR की वेबसाइट](https://www.icmr.gov.in) पर जा सकते हैं।

एचएमपीवी के लक्षण और उनका उपचार

एचएमपीवी के लक्षण आमतौर पर तीन से पांच दिन तक रहते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में सर्दी, खांसी, बुखार और कफ शामिल हैं। बुखार के साथ-साथ गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है। गंभीर मामलों में यह वायरस ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है।

एचएमपीवी के इलाज के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है, लेकिन डॉक्टर आमतौर पर लक्षणों का प्रबंधन करते हैं। बुखार को नियंत्रित करने के लिए पैरासिटामोल का उपयोग किया जा सकता है, और अधिकतर मामले घर पर ही ठीक हो जाते हैं।

स्वास्थ्य के लिए सावधानियाँ

बच्चों और अन्य कमजोर व्यक्तियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखें। इसके लिए नियमित रूप से हाथ धोना, मास्क पहनना और भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर रहना बेहतर होता है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एचएमपीवी के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। 2023 में कई देशों में इसके मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।

शोध और जागरूकता

एचएमपीवी पर किए गए शोध बताते हैं कि यह वायरस पिछले छह दशकों से अधिक समय से अस्तित्व में है। इसकी पहली पहचान 2001 में नीदरलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा की गई थी।

इन तथ्यों के साथ, यह स्पष्ट है कि एचएमपीवी के मामलों में वृद्धि के साथ, जागरूकता और सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।

आधिकारिक जानकारी और स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए आप[WHO की वेबसाइट](https://www.who.int) पर जा सकते हैं।

असम में एचएमपीवी के मामले में वृद्धि को देखते हुए, लोगों को सावधान रहना चाहिए और स्वास्थ्य संबंधी सलाह पर ध्यान देना चाहिए। सभी को स्वस्थ रहने और किसी भी प्रकार की बीमारी से बचने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles