इज़रायल के प्रधानमंत्री नाफ़्ताली बेनेट ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर इस साल 2 अप्रैल को भारत की अपनी पहली निर्धारित आधिकारिक यात्रा पर प्रसन्नता व्यक्त की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर इज़रायल के प्रधानमंत्री नाफ़्ताली बेनेट दो अप्रैल से भारत की यात्रा पर होंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया है, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर इज़रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट दो अप्रैल को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं.”
इज़रायली प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट किया, “अपने मित्र भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर अपनी पहली ही आधिकारिक यात्रा पर भारत जाने को लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं.”
इज़रायली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया,“ दोनों देशों के बीच संबंधों के स्थापित होने के 30 साल पूरे होने के अवसर पर यह यात्रा होगी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर दो अप्रैल 2022 से इज़रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट भारत की यात्रा पर रहेंगे.”
इससे पहले दोनों नेताओं के बीच ग्लास्गो में पिछले साल अक्टूबर में हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से इतर मुलाकात हुई थी. उस दौरान श्री मोदी ने इज़रायल के प्रधानमंत्री को भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने का न्योता दिया था.
इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी को और मजबूत करना है और यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों के 30 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गयी है. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता नवाचार, अर्थव्यवस्था, विकास एवं अनुसंधान , कृषि और इससे जुडे कई अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग को मजबूती देने पर बात करेंगे.
यात्रा के दौरान इज़रायली प्रधानमंत्री श्री मोदी के अलावा वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और देश में यहूदी समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे. श्री बेनेट के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया “ मोदी ने भारत और इज़रायल के संबंधों को फिर से शुरू किया जिनका ऐतिहासिक महत्व है.
यह दो सर्वथा अलग संस्कृतियों का संबंध है, चाहे भारतीय संस्कृति हो या इज़रायली दोनों ही बहुत गहरी हैं और दोनों हीर अर्थपूर्ण सहयोग को प्रश्रय देती हैं. बहुत से ऐसी चीजें हैं जो हम भारतीयों से सीख सकते हैं और हम इसके लिए प्रयासरत हैं. हम दोनों मिलकर अन्य क्षेत्रों जैसे नवाचार और तकनीक, सुरक्षा और साइबर के साथ साथ कृषि और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और विस्तार देंगे.”

